युवा पीढ़ी को अपने देश के महापुरुषों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है-डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र

युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में युवाओं की संख्या अन्य देशों से अधिक है। भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। अब भारत बदल रहा है, इस बदलाव में मुख्य भूमिका युवा पीढ़ी की हैं। आने वाली 21वीं सदी भारत की हो, इस पर युवाओ के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आज आवश्यकता युवा राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को आत्मसात करते हुए रोजगार के अवसर स्वयं पैदा करे, युवा सरकार से रोजगार मांगने वाले नही बल्कि रोजगार देने की भूमिका का निर्वाह करे। युवा पीढ़ी को अपने देश के महापुरुषों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए लाखों नौजवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। आज युवा उन वीर शहीदों के सपनो के भारत का निर्माण करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी होगी। जिस प्रकार अपनी हिम्मत, साहस और दूरदृष्टि के चलते नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजाद ने राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए युवाओं को न केवल प्रेरित किया बल्कि सशस्त्र क्रांति के जरिए ब्रिटिश हुकूमत को सीधे चुनौती देने की रणनीति भी बनाई। उनकी आजाद हिंद फौज की शत्तिफ़ की गूंज आज भी भारत के स्वतंत्रता इतिहास की बड़ी पूंजी मानी जाती है। सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद रेडियो स्टेशन जर्मनी में शुरू किया और पूर्वी एशिया में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया। सुभाष चंद्र बोस मानते थे कि श्रीमद्‌भगवद्‌गीता उनके लिए प्रेरणा का मुख्य जरिया थी। देश के युवा ही भारत के भविष्य हैं। देश के युवाओ को अशिक्षा, बेरोजगारी, भुखमरी और नशा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। युवाओं के बिना साझेदारी के देश सशक्त नहीं बन सकता।